"किताबें"

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भारती की आरती उतारती किताबें, दीये मन के मन्दिर में बारती किताबें। ज़रा इनकी दुनिया में आओ हम घूमें, ये धरती को नापतीं,गगन को भी छू लें। जंगली थे हम कभी,बताती ...

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